Mutual funds में पैसा लगाने वालों का घट सकता है मुनाफा
नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश की 15 सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) ने अपने टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) में बढ़ोतरी की है।
TER में बढ़ोतरी के कारण अधिकांश बड़े म्यूचुअल फंड हाउसेज़ की इक्विटी स्कीम्स के डारेक्ट प्लान महंगे हो जाएंगे। एसबीआई म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रू म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, एक्सिस म्यूचुअल फंड, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड, डीएसपी म्यूचुअल फंड और मिराए एसेट म्यूचुअल फंड सहित टॉप AMCs ने अगस्त और जुलाई के अंत में अपनी इक्विटी स्कीम्स के बेस TER को बढ़ाने की घोषणा की है।


संशोधित एक्सपेंस रेश्यो के लागू होने के बाद ये योजनाएं निवेशकों के लिए महंगी हो जाएंगी। हाई टीईआर से नेट एसेट वैल्यू (NAV) कम हो जाएगा। म्यूचुअल फंड स्कीम की एनएवी (NAV) की गणना कुल खर्चों में कटौती के बाद की जाती है।
एक्सपेंस रेश्यो वास्तव में यह बताता है कि आपके निवेश पोर्टफोलियो के लिए म्यूचुअल फंड प्रबंधन आपसे कितनी फीस वसूल रहा है। म्यूचुअल फंड हाउस (एसेट मैनेजमेंट कंपनी यानी AMC) के कई खर्च एक्सपेंस रेश्यो में शामिल किए जाते हैं। फंड हाउस के पास ट्रेंड लोगों की एक टीम होती है। यही टीम मार्केट और कंपनियों पर नजर रखती है। यही टीम किसी शेयर को खरीदने या उससे निकलने के फैसले समय पर लेने में मदद करती है। इसके साथ ही फंड चलाने वाली कंपनी ट्रांसफर और रजिस्ट्रार से संबंधित खर्च, कस्टोडियन, कानूनी एवं ऑडिट का खर्च, स्कीम की मार्केटिंग और उसके वितरण का खर्च उठाती है।